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हरियाणा की पारंपरिक पोशके

हरियाणा की पारंपरिक पोशके

हरियाणा, एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत वाला राज्य होने के नाते, सुंदर पारंपरिक परिधानों की एक विविध श्रृंखला का दावा करता है। यहां हरियाणा के कुछ प्रमुख पारंपरिक परिधान और पोशाकें दी गई हैं:

घाघरा-चोली: घाघरा-चोली हरियाणा में महिलाओं के लिए एक लोकप्रिय पारंपरिक पोशाक है, खासकर त्योहारों और शादियों के दौरान। घाघरा एक लंबी, चमकदार स्कर्ट है, जिसे अक्सर रंगीन कढ़ाई, दर्पण के काम, या गोटा-पट्टी (सुनहरा फीता) से सजाया जाता है। चोली घाघरे के साथ पहना जाने वाला ब्लाउज या टॉप है। पहनावा एक रंगीन दुपट्टे (दुपट्टे) के साथ पूरा होता है, जिसे कंधों या सिर पर खूबसूरती से लपेटा जाता है।


सलवार कमीज: सलवार कमीज हरियाणा में महिलाओं द्वारा आमतौर पर पहना जाने वाला एक और पहनावा है। इसमें एक लंबा अंगरखा या कमीज़ होता है जिसे ढीले-ढाले पतलून के साथ जोड़ा जाता है जिसे सलवार कहा जाता है। यह पोशाक रोजमर्रा पहनने के लिए आरामदायक और व्यावहारिक है और अक्सर जटिल कढ़ाई या अलंकरण से सजी होती है।


पटियाला सूट: पटियाला सूट पारंपरिक सलवार कमीज का एक रूप है, जो इसकी बैगी, प्लीटेड सलवार और छोटी कमीज की विशेषता है। यह उत्सव के अवसरों के लिए एक लोकप्रिय पसंद है और इसे अक्सर जीवंत रंगों और विस्तृत कढ़ाई से सजाया जाता है।
फुलकारी दुपट्टा: फुलकारी पंजाब की एक पारंपरिक कढ़ाई तकनीक है, जो हरियाणा में भी प्रचलित है। फुलकारी दुपट्टे, या स्कार्फ, रंगीन धागे के काम से सजाए जाते हैं, आमतौर पर पुष्प या ज्यामितीय पैटर्न में। ये दुपट्टे पारंपरिक परिधानों में एक जीवंत स्पर्श जोड़ते हैं और अक्सर विरासत के रूप में दिए जाते हैं।


पगड़ी (पगड़ी): हरियाणा में पगड़ी का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। पुरुष अक्सर अपनी पारंपरिक पोशाक के हिस्से के रूप में रंगीन पगड़ी पहनते हैं, जिसे पगड़ी के नाम से जाना जाता है। पगड़ी की शैली, रंग और कपड़ा अवसर, सामाजिक स्थिति या क्षेत्रीय रीति-रिवाजों के आधार पर भिन्न हो सकते हैं।


धोती-कुर्ता: धोती-कुर्ता पुरुषों द्वारा पहना जाने वाला एक पारंपरिक पहनावा है, खासकर हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में। धोती पैरों के चारों ओर लपेटा हुआ बिना सिले कपड़े का एक टुकड़ा है, जबकि कुर्ता ऊपर पहना जाने वाला एक लंबा अंगरखा है। यह पोशाक सरल लेकिन सुरुचिपूर्ण है और अक्सर धार्मिक समारोहों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान पहनी जाती है।


बंधनी साड़ी: हालाँकि हरियाणा में साड़ियाँ उतनी आम तौर पर नहीं पहनी जाती हैं जितनी कि कुछ अन्य भारतीय राज्यों में, बंधनी साड़ियाँ विशेष अवसरों के लिए महिलाओं के बीच लोकप्रिय हैं। बंधनी एक टाई-डाई तकनीक है जहां रंगाई से पहले छोटे पैटर्न को धागे से बांधा जाता है, जिससे जटिल डिजाइन तैयार होते हैं। बंधनी साड़ियाँ रंगीन और जीवंत होती हैं, जो उन्हें शादियों और त्योहारों के लिए पसंदीदा विकल्प बनाती हैं।
ये हरियाणा के खूबसूरत पारंपरिक परिधानों के कुछ उदाहरण हैं। प्रत्येक परिधान क्षेत्र की संस्कृति, परंपराओं और शिल्प कौशल को दर्शाता है, जो उन्हें न केवल कपड़ों की वस्तुएं बल्कि कला का नमूना भी बनाता है।